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Thursday, 26 November 2020

सेवानिवृत्ती आणि थोडं काही .....

20:36 6 Comments

सेवानिवृत्ती  आणि  थोडं  काही .....


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सेवानिवृत्ती  आणि  थोडं  काही .....



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सेवानिवृत्ती  आणि  थोडं  काही .....


सेवानिवृत्ती  आणि  थोडं  काही ....

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सेवानिवृत्ती  आणि  थोडं  काही ....

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सेवानिवृत्ती  आणि  थोडं  काही .....

 माझे थोरले भाऊ....श्री .श्रीकांत पवनीकर 

आज नौकरी मधुन  निवृत्त झालेत ...भारतीय जीवन विमा प्राधीकरण 

 म्हणजेच LICI मधून ...

आपल्या कामांत असलेलं बरं ....

आपण बरं  आपलं काम बरं ....असं वाटतं। ..  

कामाची दगदग जरी  होतं असली ... 

तरी चार दिवस निवांत पणे घरी राहातं येतं ...

पुन्हा ऑफिस ला  रिझ्युम व्हायचं ... 

पंण आता कायमची सुट्टी ऑफिस मधून ... 

जरा  जड जातंय... मनातं कालवाकालव होतंय ... 

मागे पडलेले दिवस आठवतात ...  भुतकाळ 

माझ्या पिताश्रीचे अकाली निधन ...

आम्ही सहा बहीणभावंडं ...  

साऱ्या छोट्यांना काळ अकाली  मोठं करून गेला ...

वडील ऍडवोकेट  होते.. पेन्शन ,फंड हा प्रकार नव्हता ...  

त्यानंतर कुणीही कमावणार नव्हतं... 

कर्ता धर्ता माणुस काळांनं हिराऊन नेला ...

 समाजातली हितैषी माणसं मदतीला आलीत ...

मीठ मिरची ,दाणा  पाणी ... अनेक हातांनीं मदत केली ...

भगवंत कुठे कमी पडु देतं  नाही...

वडिलांचे  निधन झाले तेव्हा तो अवघ्या १९ /२० वर्षाचा

बारावी झालेला , कॉलेजला नुकताचं प्रवेश घेतलेला ...  

अश्यातच भाऊला नोकरी  लागली...

ग्रामसेवक म्हणुन काही वर्ष नोकरी केली ...

 घर थोडं सुरळीत झालं ,मार्गी लागलं ..

छोट्या भावा बहिणीचे शिक्षण सुरु झाले .

आयुष्याने वेग धरला ,गती आली ...https://kittydiaries.com/ 

बऱ्याच जबाबदाऱ्या ,कर्तव्य पार पाडले ... 

नोकरी करता करता  बी.कॉम पुर्ण केलं ... 

सरकारी नोकरीच्या परीक्षा दिल्यात ... 

 LIC मध्ये तो रुजु झाला ...पुढे एल एल बी केलं ..

सदा बडबडणारा आणि हसमुख ... 

बऱ्याच लोकांना त्यानं आपलंस केलं ..

अश्यातच लेखनाची आवड त्यांनी जोपासली ...

प्रवासाची त्याला भारी आवड ...

तेच  क्षेत्र त्यांनी लेखनासाठी निवडलं ... 

प्रवासवर्णन करून त्याला इतिहासाची जोंड दिली ...

सुंदर लिखाणं त्यांनी समाज माध्यमांतुनं प्रस्तुत केलं ...  

तरुण भारत,,पुणे ,नागपुर ,औरंगाबाद....  

लोकप्रभा  मधुन त्यांच्या बरेच लेख प्रसिद्ध झालेत .. 

त्यांचं एक पुस्तकंही प्रकाशनाच्या मार्गावर  आहे..

अपार कष्ट आणि मेहनत घेऊन .... 

लेखक, कवी ,गायक ,मुक्त पत्रकार ,एक उत्तम वक्ता...

आपलं व्यक्तिमत्व फुलवलं ..प्रसिद्ध झाले .

माझ्या आईचा वारसा आता तोच पुढे चालवणार ...   

LIC मधून आता तो निवृत्त होणार ... 

निवृत्ती ..... बंधनातुन मुक्त होणे ... 

बंधने कसले ? कंटाळवाण्या आयुष्याचे .. 

नोकरीचे ,विवाहाचे ,संसार रेटण्याचे,

रोजचा तोच  तोच पणा ....रुटीन 

पण  सुखदुःखाचे धागे  विणुन  , 

सगळ्यांना जाणुन घेऊन 

सुखासमाधानाने केलेला आपला संसार ....

अर्धांगिनीने,सौ .शीला श्रीकांत पवनीकर यांनी 

पावलोपावली केलेली प्रेमळ  सोबत ... 

 मित्रमैत्रीणीचा खळखळणारा धबधबा ....

नोकरीच्या निमित्ताने आनंदी सहप्रवासी .

शेकडो लोकांच्या संपर्कात असणे ..

नवनवीन कौशल्य आत्मसात करणे ... 

ऑफिसच्या प्रोमोशन पार्टी ट्रान्सफर ... 

कामाचं टेन्शन ,त्यामुळे होणारी चिडचिड ... 

यातुन साऱ्यांतून आता निवृत्ती ...

नको ती  धांदल नको ती लोकल ... 

संथ वाहते कृष्णमाई .... 

असं संथ आयुष्य आता जगायचे ...

पण भरभरून जगायचं ... 

जे क्षण निसटून गेलेत काळाच्या ओघात 

ते क्षण पुन्हा जगायचे , पुन्हा वेचायचे 

आयुष्याचा उपभोग घ्यायचा निवांत... 

जन्मदिन ,निवृत्ती आणि दिवाळी भाऊबीज... 

त्रिवेणी सोहळा आम्ही कुटुंबीयांनी साजरा केला ..

पिकनिक आणि पार्टी भाऊंनीवाहिनीने  प्रायोजित केली 

 भाऊबीजे ची घसघशीत ओवाळणी मिळाली ..

आयुष्याचा बराच मोठा पल्ला गाठलायं ..https://kittydiaries.com/

आईचे, देवांचे ,गुरुदेवांचे आशीर्वाद आहेतच ... 

आता पुढील निवांत आयुष्यासाठी शुभेच्छा ,शुभकामना ...

लेखांकन ..ऍड  अर्चना गोन्नाडे ...... . adV   ,archana gonnade

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भारत का संविधान। .

06:48 0 Comments

 भारत का संविधान। .






       भारत का संविधान। .

२६ नवंबर १९४९। .. 

हमारे भारत का एक सुवर्णक्षण। ... 

इतिहास के पन्नोंपर लिखा गया। ... 

२६ नवबर १९४९  के हमने अपना /

भारत का संविधान स्वीकार किया। .. 

आज इस घटना का स्मरणदिन। .. 

संविधान शब्द आया है विधान इस शब्द से। .. ... 

जैसे की हम विधिविधान कहते है। .. 

विधान सभा ,विधान परिषद् , विधिमण्डल। ...

विधान माने कायदा। राज्य करना है ना ,

इसलिए किसी व्यवस्था की आवश्यकता होती। ..

किसी राज्य या   देश सुचारु रूप से चलाने के  लिए...

कुछ कायदे  कानुन  बनाने पड़ते। . 

अच्छी व्यवस्था का निर्माण करना पड़ता। . ..https://kittydiaries.com/ 

सब लोगोंकी सुखसुविधा हो। . अत्याचार न हो। .. 

ऐसी व्यवस्था खड़ी करना , बड़ा मुश्किल है। .. 

इसलिए राज्यघटना की आवश्यकता होती है। ..

जैसे घर चलने के नीतिनियम होते है। ..

सुबह सवेरे जग जाना ,स्कूल जाना पढाई करना ,ओफ़्फ़िए जाना ,

टाइम पर खाना , बड़े बुजुर्ग का आदर करना। .. इत्यादि 

 वैसेही देश के भी नीतिनियम  है    ...

संविधान में कायदे लिखे होते ,

भारत देश का संविधान खुद अपने आप में एक कायदा है... 

सर्वोच्च कायदा ,संवैधानिक कायदा। ..  

इतने बड़े देश की व्यवस्था सम्भालनेके लिए। 

हमने २६ नवंबर १९४९ को संविधान को अपनाया। ... .

 हमारा भारत देश अंग्रेजो की चंगुलों में फसां था। .. 

२००  साल अंग्रेजों ने भारत देश पर राज किया। . 

माँ भारती गुलामगिरी की कडियोंमे जकड़ी थी। .. 

स्वातन्त्रसंग्रम में कई सुपुत्र शहीद हुए।https://kittydiaries.com/ .. 

कई माताओंकी गोद सुनी हो गयी। ... 

कई माँ बहनोंका सिंदुर उजड़ गया। .. 

लेकिन माँ भारती को बड़ी परिश्रम से आज़ाद किया। . 

माँ भारती के लाडले सुपुत्रोंने , सुपुत्रियोंने। .. 

१५  अगस्त १९४७ मेरा भारत स्वतंत्र हुआ। ..

देश किस तरके से चलाये , बड़ा यक्षप्रश्न था। .. 

देश को चलाने के कोई कायदे कानून नं थे। .. 

भारत का संविधान लिखने के लिए मसुदा  कमिटी बनई गयी। . 

डॉ.बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर इस मसुदा  कमिटी के अध्यक्ष थे। . 

सात लोगोंकी यह  कमिटी थी। .. 

श्री। अल्लादि कृष्णस्वामी अय्यर  , श्री ,एन.  गोपालस्वामी,

डॉ. बी आर .आंबेडकर ,श्री। कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी , श्री।सर सय्यद  मोहम्मद सदुल्ला ,

श्री। बी. एल. मिनार बादमे श्री माधव राव इन्होने इस पद को संभाला। . 

 ओर ,श्री।  डी.पी खेतान। ..

डॉ।  बी. आर आंबेडकर  इनका सबसे महत्वपूर्ण योगदान रहा। .. 

इन्हे फादर ऑफ इंडियन कॉन्स्टिटूशन। ...

भारतीय संविधान के जनक कहा जाता है। .. 

भारतरत्न, भारत के  सर्वोच्च सन्मान से उन्हें सम्मानित किया। ...  

भारत का संविधान दुनिया में सबसे बड़ा  लिखित संविधान है 

पहले ३९५ कलमे/अनुच्छेद  , २२ भागोंमें बटे है , ८ अनुसूचियाँ थी। .. 

अब ४७० कलमे, २५  भाग। ओर १२  अनुसूचियाँ है। .. 

 काल के अनुसार संस्करण ,सुधारणा आवश्यक थी। ..

फिर भी मूल संविधान बदलनेकी इजाजत नहीं। ..

 भारत के नागरिकों ने लोकशाही का स्विकार किया। ..

अब्राहम लिंकन लोकशाही की व्याख्या करते है। 

ऑफ़ दी पीपल , बाय दी पीपल ,फॉर दी पीपल। . 

लोगोंका ,लोगोंद्वारा ,लोगोंके लिए....https://kittydiaries.com/

चलाया गया राज्य, देश याने लोकशाही ,डेमोक्रेसी। . .

प्रजासत्ताक देश ,प्रजासत्ताक राज्य। .....   .

संविधान के अनेक विशेषताएँ है। ... 

संविधान हर अनुच्छेद,कलम,परिशिष्ट  

काफी विचारविमर्श के बाद संविधान में लिखा गया है। .. 

हमारा भारत देश कैसा होगा। ... 

इसकी संकल्पना संविधानकारों की मन में  थी। ..

इस कल्पना को साक्षात् आकार दिया। ... 

ओर हमारा संविधान साकार हुआ। .. 

भारत का संविधान। ... 

२६ नवंबर। ... आज संविधान दिन। ..

संविधानकारोंको शत शत नमन। ... 

लेखांकन ---- ऐड अर्चना गोन्नाड़े। .... adv archana gonnade

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samvidhan

world constitution

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Saturday, 21 November 2020

चिऊ चं बारसं ....

11:04 0 Comments

चिऊ चं बारसं ....  








चिऊ चं बारसं .... 





चिऊ चं बारसं .... 

कपिल आणि केतकी ... नुकतचं लग्न झालेलं ...

म्हणजे सात आठ महिने झालेले लग्नाला  

आमच्या  फ्लॅट स्कीम मध्ये राहायला आलेले .... 

मुळात गोडं बातमीच घेऊन आलेले ... 

केतकी गरोदर असल्याचं कळलं .... 

मग काय अभिनंदन आणि आशीर्वाद .... 

कोरोना मुळे  तिला भेटायचं नाही .. संसर्ग व्हायला नको ... 

गोडं बातमीही लवकरचं आली... 

कपिल केतकी ला कन्यारत्न झाल्याचं कळलं ..

आनंदी आनंद चहुकडे ... पहिली बेटी धनाची पेटी ... 

सगळ्या आम्हा इथे राहण्याऱ्यांना आनंद ... 

काल त्या छोट्या चिऊचं बारसं होतं ....

घर छान सुंदर सजवलेलं .... प्रसन्न .. 

पांढऱ्या शुभ्र  आणि  फिक्कट गुलाबी रंगांची ...

फुलांची गोलाकार आकर्षक सजावट... 

मधोमध चिऊचा पाळणा ..https://kittydiaries.com/

पृथ्वीतलावर जणु  एक नन्हीं परी आली ... 

केतकी आई चिऊला कडेवर घेऊन होती ... 

जगातलं अत्यंत सुरेख नातं ...आईचं अन आईपणाचं ...

आईचं अन बाळाचं ,मायेचं प्रेमाचं 

केतकी आईपण मिरवतं होती अन 

कपिलचा  बाबा होण्याचा रुबाब ... 

चिऊनि सुंदर पिवळा फ्रॉक ,त्यावर सुंदर हेयर बँड ... 

गोडं गोंडस ,दिसतं होती  चिऊ ..https://kittydiaries.com/.

कुणी गोविंद घ्या ,कुणी गोपाळ घ्या... 

कुणी राधा घ्या ,कुणी रमणी घ्या ...

कानांतं कुणी आत्यानी कुर्र्रर्र्रर्र्रर्र केलं .... 

चिऊ बेटीचं  नाव ठेवलं कस्तुरी ...

कपिल ,केतकी आणि कस्तुरी .... 

छान वाटलं .. प्रसन्न वातावरण  ..

चिऊ ,चिऊ ची आई ,चिऊ ची आजी आणि

चिऊ च्या आज्जींची आई .... 

अश्या चार पिढ्यांचा हा सुखसोहळा .... 

मोठया आज्जीवर चांदीची फुलं अन 

साधी फुलं  उधळलीत... 

चिऊ आज्जीच्या कुशीत बसलेली   ... 

चिऊच्या डोईवर काही पाकळ्या  ओघळलयात... . 

चार पिढ्यांचे आशीर्वाद जणू चिऊला लाभले ... 

बाळा जो जो रे ,बाळा जो जो रे 

पापणीच्या पंखांत झोपु दे डोळ्यांची पाखरे . 

अंगाई गीत ते आजची एक नन्हीं परी .... 

सुदंर सुमधुर गाणी गायलीत ... 

काका काकु,मामा मामी .आत्या ,मावशी ... 

पारंपरिक जरीकाठाच्या सुंदर साड्या ... 

त्यावर ठसठशीत  दागिने ,मोत्यांचे अलंकार ...  

आम्ही मैत्रिणी तर सजून धजूनचं गेलो होतो...

केतकीला हळदीकुंकु, ओट्या ,आहेर भरून झाले ... 

आईपणाचं सुखं ती अनुभवत होती . .. 

लेकीकडे कौतिकानं बघत होती ,पापा घेत होती 

 काही बालगोपाल धोती कुर्ता घालुन ... 

चिऊ चे छोटे छोटे दादा ताई . ... 

त्यांनीही गाणं गाऊन चिऊचं कौतुक केलं ...

चिऊ पण टुकटुक बघत होती .. 

तिला सारं आवडलयं असं सांगत होती ...

चिऊ, आई, आजी, आत्या . चौकडी छान जमली ... 

मस्त मस्त देखणे फोटोसेशन ... 

कॅमेरा सारखा क्लिक क्लिक करत होता ... 

पण ह्या कौटुंबिक सुख सोहळ्याच्या आठवणी ..

मनातं बद्ध  झाल्या  ,कैद झाल्यातं ....

चिऊसं खुप खुप आशीर्वाद ... 

शुभं भवतु ....... 

लेखांकन ... adv. अर्चना गोन्नाडे   







 


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Friday, 13 November 2020

शुभ दिपावली २०२०

22:47 0 Comments

 शुभ दिपावली २०२०  शुभ दिपावली २०२०















शुभ दिपावली २०२०

प्रकाशाचा उत्सव दीपोत्सव ,

इवल्या इवल्या अगणित ज्योतींनी धरा नटलेली .

असंख्य  दीपांच्या सोनसळी रंगात धरित्री सजलेली ... 

पहाटेचा उबदार गारवा ,दवबिंदुचा सुगंध ,... 

स्पर्श ,सारंच कास मनाला मोहुन टाकणारं ... 

रस रूप गंध स्पर्शांनी पुलकित असलेली ..

आकाशाची हि न्यारीच तऱ्हा ... 

अमावास्येच्या रात्री अगणित  असंख्य

लुकलुकण्याऱ्या ताऱ्यांनी

 आकाश सजलेलं निखारलेलं..... 

अमावास्येच्या रात्री चंद्रमा नाही ... 

काळ्याभोर गगनांत एकेका ताऱ्याला

 प्रकाशण्याची संधी. लुकलुकण्याची संधी .... 

तिमिराला मागे सारून उजळण्याची संधी ... 

 धरित्रीच्या चैतन्याने ...

 ज्योतींनी आसमंत उजळला कि ..

 आकाशगर्भांतुन धरा धरित्रीचं ... 

तेजोवलयातं गुरफटलेली ... 

सृष्टीची अलगद पावलं ... 

लक्ष्मीची पावलं आपल्या घरी दारी येऊ देतं ... 

सुख संपत्ती आरोग्य संपदा आपल्याला लाभू देतं ... 

मनातला अंधार दुर होऊ दे .. 

प्रकाशानं सारं जिवन उजळू दे ... 

तमसो मा ज्योतिर्गमय ... 

शुभ दीपावली २०२०... 

 शुभकामना लेखांकन ... adv अर्चना गोन्नाडेhttps://kittydiaries.com/


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