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Thursday, 28 January 2021

पहला प्यार। ....

02:05 2 Comments

 पहला प्यार। ....

 पहला प्यार। ....


 पहला प्यार। ....


पहला प्यार। .पहला प्यार। ..




पहला प्यार। ....https://diaryofkitty007.blogspot.com/

प्यार तो पहला ही होता। 

दिल की धड़कन थामना यु ही नहीं संभालती । ... 

कितनी मुश्किलें होती,गर कोई दिल की धड़कन सुन ले। ... 

कैसे जबाब देना ,मन में सोचना बड़ा मजा आता। .. 

सवाल करते करते एक एक बड़ी सज़ा सा लगता। ... 

प्यार तो सिर्फ पहला ही होता। .......  

 शर्मा कर चूर होना बार बार नहीं होता। .. 

उनके आंखोमे अपनी छबी देखना। ... 

पलकें अपनेआप झुकना कहा रोजाना होता। ....

कोई है इर्द गिर्द कैसे अंदाजा होता। .... 

 कानाफुसी करके ही थोड़ा बहकना होता। ..

प्यार तो सिर्फ पहला ही  होता। .......https://kittydiaries.com/

पहला जो उपहार  पाया ,प्यार मुट्ठीभर आसमां सा हो  गया। ..

आसमान से  तारे ले लाना,  क्या फिर कभी जाना  होता  ..

स्पर्श तुम्हारा अपनासा  , झट हाथ पिछे होता। ...

लहर लहर सा स्पर्श ,कभी रोमांचित होना होता। ... 

दिल से  दिल का रिश्ता, क्या एहसास  इतना सहज   होता। ... 

प्यार तो सिर्फ पहला ही होता। ....

.कितनी सुन्दर ही तुम ,हर बात पर कहना होता।  .. 

दिल का झंकारना,...  कुछ कुछ होना। .दिल खोना। .. 

दिल का कुछ सुनना कहाँ बार बार होता। ..

गुनगुनाना ,कविता रचना ,जिंदगी पर छा जाना  ...

दिल में  पक्का घरौंदा बना लेना। ...

कहाँ प्यार  बार बार होता।।।।। 

वो तो पहला ही प्यार होता। ... https://kittydiaries.com/

रचयिता। .. adv अर्चना गोन्नाड़े archana gonnadehttps://diaryofkitty007.blogspot.com/2020/10/blog-post_95.html

 



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Saturday, 16 January 2021

प्यारा झुला। ....

07:25 0 Comments

                 प्यारा  झुला। ....

      प्यारा  झुला। .... 

 झुला। ... याद है वो बड़ा सा झुला   । .. 

हवेली  के ऑंगन में झुलता  झुला 

चारो और फुलवारी। .. भीनी भीनी महक। ... 

झुले पर बैठने का  मन हो ही  जाता।।। 
कितना ना कहु मन को। .. कितना समझाऊ मन को 
 झुले के बगल में  लगी तुलसी का पौधा । .... 
अपनेपन का एहसास। ..रिश्तों की खुशबु 
हर मौसम का अपना मिज़ाज। ... 
हर मौसम में वह झुले का भी मिजाज। . 
बारिश में कही फिसल जाते ,,,
मगर आप हाथ थामना न भुलते 
हर मौसम आप और हम झुला झुले है। .... 
गिरी धुप में संध्या समय वो  झुला झुलाना। .
हवा का झोका ही नहीं, तुम ही 
तुम ही जैसे जिस्म छु गये  हो...., 
आपका और झुले का  क्या नाता ?... 
कितने बखुबी  से आपको झुलाता भी है 
आपको सवरता भी है। .. कभी गिरने नहीं देता। ... 
    आगे पीछे ,लम्बी लम्बी झोकें। हवा  से बातें करती  .. 
कितना आनंद ,कितना सुकून।।। 
                                          आपका  हसमुख चेहरा और खिलखिलाता। ...https://kittydiaries.com/ 
जिद हमारी ,हम भी आपके साथ बैठेंगे झुलेपर । .. 
कुछ नादानियाँ थी ,कुछ शिकायतें थी......   . 
साथ साथ आपके हमें  भी झुला खेले।।
सर्द जाड़े में शाल ओढ़े ,देर रात तक झुलना। ... 
गहरा हरा होते  चला था रिश्ता। ... 
हर मौसम में बहार आयी...  हर मौसम हरियाली छाई। .. 
हर मौसम आपके साथ गुजर गया। ... हर मौसम झुला झुले।
पर  वह  झुले  ने बेफवाई की  ? नहीं की ?
मगर ,आपको कैसे  कहु आप बेवफा हो...
कुछ छोटे मोटे झोकें लगाते। कही गिर गये। ... 
जिंदगी बड़ी वफ़ादार थी। .. बचा लिया जो हमको।।
अपाहिज हो गये हम ,शरीर से ,दिल से ,मन से। ..
कैसे कहा आप खो गए हवाओंके के  झोकोंमे। ...  
पर हम तो बिखर गये आपके आंगन  में। 
फुलवारी में,वही  प्यारे से झुले के पास। 
                                           सासों की महक लेकर, आपके पास।https://kittydiaries.com/ .. 
   पवित्र रिशतों में बँधी तुलसी सी । ..
फिर वही झुले आसपास। ...
मेरा प्यारा झुला और  आप। ...
कवियित्री। ... adv .... अर्चना गोन्नाड़े 
                                    archana gonnade




Wednesday, 13 January 2021

ति ळा ति ळा दार उघड ,दार उघड,दार उघड ...

21:16 0 Comments

 ति ळा ति ळा दार उघड ,दार उघड,दार उघड ...

तिळगुळ घ्या. गोड गोड बोला 


    तिळगुळ घ्या ... 
    गोड गोड बोला 






ति ळा ति ळा दार उघड ,

दार उघड, दार उघड ...

ति ळा ति ळा दार उघड ,दार उघड .,दार उघड .. 

कश्याला ?कश्याला ? का बरं ?

हा सांकेतिक शब्द म्हणजे कोडवर्ड ना ? 

काय शोधायचयं तुला ? 

मला ना सुखं ला शोधायचयं ....

ति ळा ति ळा दार उघड ,दार उघड .,दार उघड .. 

सुख असं शोधुन मिळत का ...? 

तुला कशात सुख वाटतं ,,, सांग ना .बोल 

पैशांत वाटतं सुख .. कि प्रेमांत ..

कष्ट करून चार पैसे मिळवण्यात ..... 

कि पिढीजातं पैश्यावर लोळण्यात आनंद मानायचा  

कसं सुख हवयं  तुला ...? स्वछन्द फिरायचयं?

 ति ळा ति ळा दार उघड ,दार उघड .,दार उघड .. 

 अरे ,सुखाचं दुकान चालता बोलता येतं ...mithoo

आईला कामाला हातभार लावणं म्हणजे सुख असतं ...

आईसोबत मंदिरात कधीमधी जाणं हि सुख असतं  

ऑफिसाला ,स्टेशनला बाबांना सोडणं , थोडी मस्करी करणं सुख असतं ..

आज्जीशी गोडं गोडं  बोलणं ... कुशीत शिरून लाडावून घेणं ... 

अरे , कित्ती छोटे छोटे  क्षण असतातं सुखाचे ... 

ताईचे पाढे पाठ घेणं , मधेच कुठे खोडी  काढणं जमतं ना ...  

भावंडांनी एकत्र येऊन गप्पा मारणं ,सुखचं असतं ना ते ...

ति ळा ति ळा दार उघड ,दार उघड .,दार उघड .. 

सासु सुनेचं पटतंचं  असं कधी होतं का? ... 

भांड्याला भांड लागताच ना ....आवाज होतच ना  

थोडी तु पुढे हो ,जरा तु मागं घे ... बघ सुख कसं गवसतं तें ... 

कुठलचं कोडवर्ड नको ... सांकेतिक शब्द नको ..

सुख म्हणजे भावनांचा खेळ आहे रे ..tilgul.  

आपल्या राणीला कधी फिरायला ने ... बघ कशी कळी  खुलते ... 

हवं तेवढं सुखं वेचून घे ... तिळा तिळा दार उघड.... 

 अडल्या नडल्याला मदत कर ... गोरगरिबांची झोळी भर .. 

 शिक्षणाची कास धर ... मनांत सुखाची आस धर . .

कधी वेडा होऊन जा .. मनसोक्त गप्पा मार ...

भडाभडा मनातलं सगळं काही बोलून टाक ... 

मन होईल आभाळासारखं ,निरभ्र , मोकळं ... 

तेच सुख असतं रे मनातलं ... तिळा तिळा दार उघड 

सुख म्हणजे मी छोटा भाऊ ... दुःख माझाच मोठा भाऊ ... 

सुख पाहता जवा एव्हढे ... दुःख पर्वता एव्हढे .... 

सुख तीळ तीळ वेचावं , कण कण वेचावं ,वाढवावं 

अन राईचा पर्वत करू नये .. दुःखचं समोर येतं 

छोटेपणांत सुख असतं , सुख कणाकणांनी वेचयाचं ...

सुख वेचता आलं,त्यात आपसुकचं गोडी वाढतें ..

.स्नेहबंध  हळुवारं  जुळतातं ....

मनातंला गोडवा घोळवावा लागतो .... 

सुखाचे शहारे अंगभर फुलतातं ....

सुख माझ्या दारी असतं .... स्नेहबंध उलगडतं 

सुख म्हणजे नक्की हेचं असतं ...हेचं असतं ...

ति ळा ति ळा दार उघड ,दार उघड .,दार उघड ..

कोडवर्ड ,सुखाचा गवसलायं .... हो नक्की... 

तिळगुळ घ्या .. गोड गोडं बोला ....

तिळगुळ घ्या , गोड गोड बोला  

मनापासुन सर्व माझ्या मित्रमैत्रिणीं ना... 

तिळसंक्रांतीच्या शुभेच्छा .... 

तिळगुळ घ्या ,गोड गोड बोला ...कोडवर्ड पुढे पाठवा ना प्लीज 

 लेखांकन .... ADV ,अर्चना गोन्नाडे https://kittydiaries.com/



    tilgul        

sweets/honey

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Monday, 11 January 2021

परत फिरा रे चिमुकल्यांनो ......

09:57 0 Comments

 परत फिरा रे चिमुकल्यांनो ......


 परत फिरा रे चिमुकल्यांनो ......

 कालरात्री चोर पावलांनी आली ....

  खरचं चोर  पावलं होती का ती ?....

 तुम्हां चिमुकल्यावर घाला घालून गेली .. 

 सगळा हल्लकल्लोळ माजला ..

 यमराजाच्या काळजांत हि कालवाकालव झाली असणारं 

धगधगत्या अग्निहोत्रात तुमची आहुती दिल्या गेली जणु .... 

चुक कोणाची ? कुणाकुणाचं चुकलं ह्याचं मोजमाप होईल... 

सारं ऑडिट होईल घडलेल्या चुकांचं .... 

कुणावर तरी दोषारोपणं , डोक्यावर खापर फोडल्या जाईल ... 

शिक्षा ही होणारं ...  बरबाद होणारं ...              https://kittydiaries.com/ 

पण नवजात मातांची गगनभेदी किंकाळी 

हृदय भेदणारी किंकाळी ,टाहो आहे कुणी  ऎकायला ?

धाय मोकलुन रडण्याऱ्या माता ... 

लेकरांसाठीचा  फोडलेला हंबरडा ऐकलेय कुणी? https://kittydiaries.com/       

नवजात अर्भकं अग्नीच्या भक्षस्थानी पडली .... 

 मायेचा हात ,मायेचं स्पर्श कुणीचं अनुभवाला नाही . 

ना आईनं .ना बापानं ,ना आज्जीन्न .

ना   छकुल्यांनां कुशीत घेता आलं ... 

आईपणं हिरावुन नेलं दैवांनीं ... किती दुर्दैव .... 

किलकिलत्या डोळ्यांनी सारं जग बघायच्या आंतच ..

 सारं सारं संपलं ,थंडावलं , छकुल्यांनो खरच काय गुन्हा केला तुम्ही ?

काचेच्या पेटीबंद  एवढचं आयुष्य होत का ?

धगधगत्या ज्वाळांनी तुम्हाला वेढलं ... 

आई अन बाबांच्या काळजाचा ठोका चुकला ...

आईची अंगाई राहिली .. पापणीच्या पंखांत पाखरं झोपली नाहीत ... 

कान्हा निघुन गेला .. निघुन गेला 

आईचा  फुटलेला पान्हा कसा थांबवु ?

आसवांच्या दारियातनं तोही वाहून गेला ... 

क्षमा करा चिमुकल्यांनो .... चुकलं माकल माफी .... 

परत फिरा  रे छकुल्यांनो ... पुन्हा त्याच आईच्या पोटी .. 

आईची कुस वाट बघतेय छकुल्यांनो .... 

भावपुर्ण अश्रुपूर्ण नमन भंडाऱ्याच्या या छकुल्यांना ... 

लेखांकन ... adv अर्चना गोन्नाडेhttps://kittydiaries.com/


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Sunday, 10 January 2021

जय किसान ,जय किसान

02:19 3 Comments

जय किसान ,जय किसान।।।।।।



जय जवान जय किसान। ... 

 जय जवान जय किसान। ... 

भारत के लाल ने दिया हुआ यह नारा। .. 

आज भी कानों में गुंजता है। ...

आज कोई वाली नहीं उनका। ऊपरवाला ही रखवाला 

सरकार अपने अड़ंगे में है। ... कुछ सुननेके के लिए तैयार नहीं। .. 

जो खेती करता है वही जानता है। .. उसके कष्टोंकी परिसीमा। .. 

फसल आती है ,उसकी आंखे चमकती है। ...जैसे सोना ऊगा हो खेती में। ..  

आने वाले पैसोंका जोड़तोड़  , हिसाब किताब। साहुकार ,बैंक . 

मन ही मन में कर लेता, कितना कर्जा  है । .. थोड़े सपने सँजोये लेता। ... 

भूमिपुत्र कहलाता ,किसान कहलाता। ..कभी अपनी खेती ,कभी बटाई   

दिनभर खेत में हल चलनेवाला किसान                     

सदियोंसे अपना एक ही धर्म निभानेवाला किसान 

 मानवजाती का भूख मिटनेवाला किसान  

बड़ी प्यार से बीज बोता  है। रखवाली करता बीजोंकी। .. 

अपने श्रम से खेती में फसल उगाता  है। .. 

धुप छाव किसीकी पर्वा  नहीं। ..बारिश होती तो मानो। ... 

उसके सपने पुरे हो गए। ... सुजलाम सुफलाम धरती  

पसीना बहता है। ... मेहनत करता कड़े धुप में। .. 

उसके माथे की लकीरे बोलती है। ... कितना पसीना बहाया  है। ... 

धुप में ताप्ती उसका शरीर ,उसकी चमड़ी देखो । 

धुप एक एक परत चढ़के करके काली  हो गयी...  स्याही सी काली। . 

 कपडे में ढ़के माथे की लकीरे। शरीर में पड़ी सिलवटे  

एक एक दिन की जैसे उसकी कमाई हो। ...https://kittydiaries.com/ 

श्रम के कमाई क्या मोल? हे सरकार ,कुछ तो बोल ?

और नंगे  हाथ पाव। .. कीचड़ से लथपथ। ... 

झुग्गी में रहना। .. चार बेटे बेटी। .. रिश्तेदार। ..

शिक्षा ,ब्याह ,कहाँसे पुंजी जुटाएं इतना ?

कितना बोझिल है । ... जीवन की लाख कठिनाइयाँ। ..

कैसे सह लेता यह सब हमारा अन्नदाता ?

अनपढ़ ,गवार ,क्या यही उसके विशेषण है ?

जिसका सबसे ज्यादा ख्याल रखना चाहिए। .... 

उसको आज रास्ते पर खड़े होकर आंदोलन करना पड़  रहा। ... 

अपने हक़ के लिए। .. कौन है जिम्मेवार इनका?

अरे ,जितना लगाया खेती में ,उतना दाम तो मिलाना है। .. 

बड़े वेपारी आयेंगे , मीठी मीठी बातें होंगी और 

फिर एक बार ठग जायेंगा किसान और ले जायेंगे फसल बेमोल भाव से ?

फिर जोड़तोड़  ,हिसाब किताब। .....https://kittydiaries.com/ 

कितना रुपैया बचेंगा किसान के हाथ ? कितना रुपैया बचेगा ?

दशा यही है हमारे किसानोंकी। ... जान भूमि में लगाता तब फसल आती। ....

जान की किंमत कौन वेपारी लगाएगा ? जान की किंमत कौन सरकार चुकायेगी ?

लड़ाई अभी अभी भी जारी है.... जितने का हौसला है। ... 

अन्नदाता सुखी भव। .. https://kittydiaries.com/

जय हिन्द ,जय भारत। .. 

जय जवान ,जय किसान।

जय किसान  जय किसान। 

लेखांकन। .. adv अर्चना गोन्नाड़े। ...