प्यारा झुला। ....
प्यारा झुला। ....
झुला। ... याद है वो बड़ा सा झुला । ..
हवेली के ऑंगन में झुलता झुला
चारो और फुलवारी। .. भीनी भीनी महक। ...
झुले पर बैठने का मन हो ही जाता।।।
कितना ना कहु मन को। .. कितना समझाऊ मन को
झुले के बगल में लगी तुलसी का पौधा । ....
अपनेपन का एहसास। ..रिश्तों की खुशबु
हर मौसम का अपना मिज़ाज। ...
हर मौसम में वह झुले का भी मिजाज। .
बारिश में कही फिसल जाते ,,,
मगर आप हाथ थामना न भुलते
हर मौसम आप और हम झुला झुले है। ....
गिरी धुप में संध्या समय वो झुला झुलाना। .
हवा का झोका ही नहीं, तुम ही
तुम ही जैसे जिस्म छु गये हो....,
आपका और झुले का क्या नाता ?...
कितने बखुबी से आपको झुलाता भी है
आपको सवरता भी है। .. कभी गिरने नहीं देता। ...
आगे पीछे ,लम्बी लम्बी झोकें। हवा से बातें करती ..
कितना आनंद ,कितना सुकून।।।
आपका हसमुख चेहरा और खिलखिलाता। ...https://kittydiaries.com/
जिद हमारी ,हम भी आपके साथ बैठेंगे झुलेपर । ..
कुछ नादानियाँ थी ,कुछ शिकायतें थी...... .
साथ साथ आपके हमें भी झुला खेले।।
सर्द जाड़े में शाल ओढ़े ,देर रात तक झुलना। ...
गहरा हरा होते चला था रिश्ता। ...
हर मौसम में बहार आयी... हर मौसम हरियाली छाई। ..
हर मौसम आपके साथ गुजर गया। ... हर मौसम झुला झुले।
पर वह झुले ने बेफवाई की ? नहीं की ?
मगर ,आपको कैसे कहु आप बेवफा हो...
कुछ छोटे मोटे झोकें लगाते। कही गिर गये। ...
जिंदगी बड़ी वफ़ादार थी। .. बचा लिया जो हमको।।
अपाहिज हो गये हम ,शरीर से ,दिल से ,मन से। ..
कैसे कहा आप खो गए हवाओंके के झोकोंमे। ...
पर हम तो बिखर गये आपके आंगन में।
फुलवारी में,वही प्यारे से झुले के पास।
सासों की महक लेकर, आपके पास।https://kittydiaries.com/ ..
पवित्र रिशतों में बँधी तुलसी सी । ..
फिर वही झुले आसपास। ...
मेरा प्यारा झुला और आप। ...
कवियित्री। ... adv .... अर्चना गोन्नाड़े
archana gonnade
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