कितने बहाने बनाते हो तुम........
कितने बहाने बनाते हो तुम
रोज रोज मुझे देखते रहते हो
कभी ये भी बता दो ,
तुम मुझे इतना क्यों निहारते रहते हो। .
मेरे सामने लगे काँच ,मैं तुम्हे देखती
उलटे दिशां मेँ तुमे कुछ न पता चलता
मैं तो देखा करती यु ही
तुम मुझे ही निहारते हो
कितने बहाने बनाते हो ,
मुझे कुछ न बताने का। .. ः
अरे कितने बहाने बनाते हो तुम https://www.pexels.com/photo/white-black-and-red-person-carrying-heart-illustration-in-brown-envelope-867462/
मेरा छोटासा रुमाल क्या छूट गया। ..
लौटने के बहाने आए तो तुम। ..
रुमाल न लौटते तो क्या होता।
दुसरा रुमाल जो खरीदते।
दो चार रुमाल ओर हो जाते
क्या बिगड़ता था ,लेक्किन
तुम तो बड़े बहानेबाज हो
मुझसे मिलनेका बहाना तो ढूंढ लिया
बातोंबातोमे बात भी हो गयी। ...
पर तुम कुछ न कह सके। ...
कितने बहाने बनते हो तुम।
https://www.pexels.com/photo/christmas-gifts-and-ornaments-3309878/
संध्या समय ,तुम आये
मन जगमगाया ,भीतर से
रेत के टिले पर हमतुम बैठे। ..
क्यों बैठे रहे यु ही साथ साथ
बस हवा में बातें करते रहे
हसी मजाक में थोड़े पल बिताये।
हसी तुम्हारी बहुत रास आयी
कुछ पल ओर बित गये .
कैसे तुम कुछ बता न पाए
कितने बहाने बनाते हो तुम
https://www.pexels.com/photo/delicate-rose-petals-and-wooden-plate-on-white-surface-4041395/
टिफ़िन भरके मेरे लिए मिठाई लाना
हलवाई के दुकान से। तिलगुल लाना ,
मेरे हाथ में डिब्बा थामना।
मुझे प्यारी, वो मिठाई मैं तो खा लेती
तुम्हे भी खिलाती प्यार से।
बस कुछ पल गुजर गए.
कितना मिठा पल
कैसे भुला पाती मई। ..
कुछ तो कहो अभी। ...
हे भगवन,कुछ करो
कितने बहाने बनाते हो तुम
https://www.pexels.com/photo/flat-lay-photography-of-desserts-2062883/
मुझसे मिलाने का बहाने तो ढुंढते
किसी तरह ,रोज रोज। ..
एक से एक नए बहाने
हसी आती थी मुझे तुमपर
और मैं खुप हसती ,खुप हसती
खुलकर ,खिलखिलाकर खुप हसती हु
आज भी वैसे ही खिलखिलाती हु।
मैं खुद कोई बहाना ढुंढती हु
कुछ पल हाथ आये ,कुछ निकल गये
कुछ पल निकल गये ,
हम वही रह गये,तुमारे साथ
तुम आजाओ कहीसे ,आसमां से
मुझसे मिलने का बहाना बनाकर
शायद आज कुछ तुम बता पाओ ...
याद आया मुझे .......
कितने बहाने बनाते हो तुम
रचना -----adv. अर्चना गोन्नाड़े
https://www.pexels.com/photo/silhouette-photography-of-man-and-woman-1759823/
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