.दिल से बात की नहीं।।।।।।।।।।
दिल से बात की नहीं
खामोशी क्युँ आज याद आ रही। ..
कितने दिन बीते दिल से बात की नहीं
सुकून सा लगा रहा, साँसे जी भर जी रही
बस फिर ख़ामोशी आज बतियाँ रही
दामन थामे दिल का दिल्लगी रो रही।
ये इतराती चुप्पी फिर कही खो गयी
मासुम दिल बेचारा कब तक सहे ख़ामोशी
मासुमियत भी आँखों से कैसे टपक रही....
कितने दिन हुए दिल से बात कि नहीं । ....https://kittydiaries.com/.
खामोशिया कैसे कैसे हम झेल रहे। ..
दिवानोकी महफ़िल में क्युँ खेल रहे। ..
आज फिर वो तराना कोई छेड़ गया
महफ़िल में दिल्लगी को उधेड दिया।
दिल के द्वारे हमने इत्ता झाँक लिया
सन्नाटा था ,जिया बड़ा घबरा गया
हौले हौले कैसे फिर वही धुन सुनी
दिल ही दिल में फिर चांदनी शर्मा गयी। .
खामोशी में डुबे आज दिल की बात हो रही
कितने दिन बीत गये दिल से बात नहीं की। ....https://kittydiaries.com/.
खमोशियोंके हवाले हमने खुद को सौप दिया
सिसकियों को हमने कैसे रोक लिया। .
दिल फिर उदास है ,.बातो में कही दिल नहीं
फिर भी दिल राजी है ,यादों के सिलसिले जारी है
हमने तो यूँ मजाेक किया हमे सचमे प्यार तुमसे
हमरे तो सच बोल थे तुम क्यों झूठा मान गए...
दिल की गहराई किसने नापी , किसने तोली
दिल से दिवानगी हो रही ,बेहद बाते हो रही..
खोमोशियों के घेरे में फिर चांदनी रात हुई
दिल ए मेहफिल में फिर दिलरुबा से बात हुई
कितने दिन बीत गए थे दिल से बात की नहीं
रचना --- adv अर्चना गोन्नाड़े
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