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Sunday 25 October 2020

माँ सिद्धिदात्री। ..नवमं सिद्धिदात्रीच -----नवरात्री ९ एवं दशहरा

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माँ सिद्धिदात्री। ..नवमं सिद्धिदात्रीच -----नवरात्री ९ एवं दशहरा 


माँ सिद्धिदात्री। ..नवमं सिद्धिदात्रीच -----नवरात्री ९ एवं दशहरा 
प्रथमं शैलपुत्री च द्वितीयं ब्रह्मचारिणी।
तृतीयं चन्द्रघंटेति कूष्माण्डेति चतुर्थकम् ।।
पंचमं स्क्न्दमातेति षष्ठं कात्यायनीति च ।
सप्तमं कालरात्रीति महागौरीति चाष्टमम् ।।
नवमं सिद्धिदात्री च नवदुर्गाः प्रकीर्तिताः ।।
जय मैया। .... नमोनमः। माथा टेकु माँ। .. 
प्रथम दिन घटस्थापना से शुरू हुआ 
नवरात्री का आज समापन। ...
आज सिद्धिदात्री माँ पुजन। ... 
विविध नऊ रुपोंमे माँ साक्षात् आपका दर्शन। . 
कितना सुन्दर ओर प्रसन्न। ..... 
 मनःचक्षु में आपका रूप बसा हुआ। .. 
आज माँ सिद्धिदात्री का पुजन।।।। 
पुजा ,पठन, नित्य उपासना मन को स्थिरत्व देती। ...
अष्ट सिद्धि का वरदान प्राप्त होगा माँ आज..
पहले तो मन आत्मा सिद्ध करना होगा। .. 
सिद्धि प्राप्त करनेके लिए। ... 
मन स्वच्छ ,सुन्दर पवित्र होगा तो 
सिद्धिदात्री माँ अपनेआप हमारे द्वार आएँगी  . 
जो हर मनोकामना पुरी  करेंगी।।।
आज हमें क्या सिद्धि चाहिए माँ। ...
जिनेका सहारा चाहिए। निःसंशय मनसे
चंचल मन की अवस्था माँ तो जानती है। ... 
माँ सिद्धि ही एक दो मन स्थिर रहे। .. विचार स्थिर रहे। https://kittydiaries.com/
मन है करना सिद्ध ---- बुराइयों के विरुद्धः 
मन  है करना सिद्ध ----बुरी आदतों के विरुद्ध 
मन करना सिद्ध है  ----बुरी समाजधरणा के विरुद्ध 
मन है सिद्ध करना----बुरे  समाज धुरीणो के विरुद्
मन सिद्ध करना है ---आतंकवाद के विरुद्धा 
मन सिद्ध करना होगा ----दहशतवाद के विरुद्ध
मन सिद्ध करना होगा ----जीवन के उलझनों के विरुद्ध
मन पर विजय पाना। . सहजसाध्य नहीं। ... 
उपासना,आराधना का मार्ग ही अपना सकते।।।
सिद्धि पाने के  लिए पहले तो मन शुद्ध करना है। .. 
मन की अगणित क्रियाएँ उपासना में बाधाएँ डालती।।। ..
कभी किसीसे क्रोध होता ,इर्ष्या होती ,द्धेष होता। ... 
हम तो मानव है। निराशा ,संशय ,आलस्य होना है... 
हम सर्वसाधरण मनुष्य है। ..लोभा में मोह में अटके जाते। .. 
रावण भी तो दशग्रंथि ब्राम्हण थे। ...क्यों मोह हुआ सीता  का।? .. 
सीतामैया को मालुंम था ,कस्तुरीमृग का अस्तित्व नहीं है 
फिर क्यों सीतामैया भागे वो मृग के पीछे। .. 
लक्ष्मण रेखा अंकित कर गए। ... मैया ने रेखा लाँघ ली। ..
प्रभुराम  भी कुछ नं कर पाएं। .. 
सब कालचक्र है ,समय चलते रहता।  
परिस्थिती ऐसे आन खड़ी होती। .... 
मैया तुम्हारे आगे सबको शीश झुकाना है। .....
रावण को जलाना आसान है। ... 
रावणी प्रवुत्तियोंको जलाना कठिण है। ... 
हमे अपनी बुराई त्यागना है, दुष्ट प्रवृत्ति त्यागना है। ...
सत्कर्मो का पलड़ा भारी हो जाएगा। ... 
बुराई ,हीनं प्रवृत्ति का विनाश होगा। .. 
चारो तरफ उजाला होगा।,रोशनी होगी। .. 
तमसो माँ ज्योतिर्गमय।।।।
अंधःकार से प्रकाश की ओर प्रस्थान। ..
दीपज्योति नमोःस्तुते। ..  
यही सिद्धि दो माँ सिद्धिदात्रीआज वरदान में । ....
 नववं सिद्धिदात्री। ...https://kittydiaries.com/
सिद्धिदात्री माँ साष्टांग प्रणिपात। ..
लेखांकन ---- adv अर्चना गोन्नाड़े archana gonnade 
 ek kavita ... apake liye from my blog
 
 कुछ अच्छा सा  हो रहा है। ... 

न जाने कितने अर्सो  बाद मैंने कलम थामी है। .. 

कुछ अच्छा सा हो रहा है ,कुछ अच्छा हो रहा है।----१ --- 


मै  लिखती गयी ,श्याही से शब्द उतरने लगे  है 

कुछा अच्छा सा हो रहा है ,कुछ संभ्रम हो रहा है।----२ --- 


शब्दों में भाव बहने लगे है ,मन भावविभोर सा  है.

कुछ अच्छा हो रहा है ,कुछ अच्छा सा घट रहा है।---३---


शब्द रंग  में लिपटे है ,रंगरूप अभी पलट रहा है। 

कुछ अच्छा सा हो रहा है ,कुछ अच्छा सा लग रहा है --४----


भाव  नर्तन कर रहे है  मीरा सा प्रकट हो रहा है। 

कुछ अच्छा सा हो रहा है ,कुछ अच्छा सोच रहा है। --५ ---


शब्दों का कोई बेपार न है ,माँ सरस्वती की देंन  है--

कुछ अच्छा हो रहा है ,कुछ अच्छा सा पर देना है।---६----  


दिल थामे मुझे लिखना है ,कलम चलती रहना है-

कुछ अच्छा हो रहा है ,कुछ अच्छा सा बंध  रहा है।----७ ---  

 

कुछ किरपा हो रही है, द्वार किलकिले हो रहे है

कुछ तो अच्छा हो  रहा है, कुछ रोशनी आ रही है ,----८ ----


रसधारा हे खुदा की है , कई अर्सो बाद बरस रही है   

कुछ अच्छा  ही हो रहा है ,कुछ अच्छा सा हो रहा है ----९----


सिर पर आशीष रखे खुदा है ,झोली खाली न रहना है    

 कुछ अच्छा ही हो रहा है ,कुछ अच्छा सा हो रहा है ---१० ----

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Saturday 24 October 2020

माँ श्रद्धारूपिणी। ..... अष्टमं महागौरी ---नवरात्री --८

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माँ श्रद्धारूपिणी। ..... अष्टमं महागौरी ---नवरात्री --८

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माँ श्रद्धारूपिणी। ..... अष्टमं महागौरी ---नवरात्री --८ 

या देवी सर्वभूतेषु श्रद्धा-रूपेण संस्थिता। 

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ 

प्रणाम माँ। ... माथा टेकती हु माँ तुम्हारे चरणों पर। ..

अविरत स्त्रोत हो तुम माँ ऊर्जा का। .... 

घर घर में भजन -पुजन से समां बांध रखा है। ..

वातावरण में शुद्धता है। ... अनोखा सा प्रकाश है। .. 

दशदिशोंये प्रफुल्लित है, भक्ति का सुगंध है। ..

आज अष्टम दिन तुम्हारे  पुजन का। ... 

महागौरी के मनभावन रूप में आज आप होगी माँ। ..

छोटी छोटी  प्यारी प्यारी कन्याओंका पूजन होगा। 

वृषारूढ़ा हो तुम ,श्वेतवर्णा हो तुम। . .... 

सौभाग्य अलंकार से आज  पुजा बांधेंगे। ... 

सौभाग्य का चढ़ावा आज अर्पित होगा  मैया ।।। 

पुजा होंगी,स्तुतिगान ,मंत्रपठण होंगे।। 

माँ तेरी आराधना में आज फिर भक्तगण लीन  होंगे।।।।

 कितनी श्रद्धापुर्वक करते माँ हम आराधना तेरी। .. 

 तुम माँ हो ,तुम तो भला  ही सोचोगी  नं हमारा । .. 

 हमें अच्छा ही सिखाओगी नं माँ। ... 

ममता ,माया ,दया,करुणा ,..... 

भाव है , मन के आधार है https://kittydiaries.com/

भक्त श्रद्धावान है। .. बड़ी श्रद्धा से पुजा बांधता। ...

श्रद्धा है तुमपर , हां सब कुछ अच्छा ही होगा। . 

श्रद्धा है तुमपर , विश्वास है तुमपर ,सब अच्छा होगा। . 

श्रद्धा है तुमपर , सब संकटों का निवारण होगा। .. 

श्रद्धा है तुमपर ,हम सुरक्षित होंगे तेरे छाव में। .. 

श्रद्धा है तुमपर ,हम चैन से जी सकेंगे ,सुकुन है 

श्रद्धा है  तुमपर ,सर्वे सुखिना सन्तु 

श्रद्धा है तुमपर , हम निरामय ,स्वस्थ जीवन जियेंगे। .. 

श्रद्धा है तुमपर , मित्र परिवार ओर परिजन सुखी रहेंगे 

श्रद्धा है  तुमपर ,उमंग ,उत्साह बने रहेंगा। ..

श्रद्धा है  तुमपर , बालबच्चों पर कोई आंच नं आने दोगे । .. 

श्रद्धा है तुमपर , करुणा ,प्रेम ममत्व हम पर बरसेंगा। .. 

श्रद्धा है माँ तुमपर,हम भक्तोंपर आशीर्वाद बना रहेंगा 

श्रद्धा तो अंतर्यामी है। जहॉ स्थिर होती  वही ठहरती 

जन्म से जिस जगह हम पले है ,बढे है। ..

वहाँ के संस्कार से हमारा गठन होता। ..

जो हम देखते है ,अनुभव करते है। बचपन से। .. 

बुद्धि उसे ग्रहण कर लेती। ..https://kittydiaries.com/

एक बार जो बचपन में ग्रहण कर लिया। .. 

उसे बदलना मुमकिन नहीं  । ... इतना सहज नहीं है। .. 

बचपन में जब संस्कारों की झोली भर जाये। ... 

फिर इतना आसान नहीं उससे मुकरना। .. 

श्रद्धा धर्म है ,श्रद्धा विचारधारा है। .

श्रद्धा अर्चना है ,श्रद्धा उपासना है। .

श्रद्धा आदर है ,श्रद्धा भक्ति है। 

श्रद्धा आस्था है श्रद्धा निष्ठा है 

श्रद्धा प्यार है ,श्रद्धा लगन है। .. 

श्रद्धा प्रार्थना है ,श्रद्धा प्राणार्पण है। ....

श्रद्धा इतनी है गहिरी है। .... निष्ठावान है। .. 

मैं अपने  प्राणार्पण कर दु । .. 

प्राण नौछावर कर दु। .माँ तेरे पुजन में। .. .

कोई मेरी श्रद्धा हिला नं पाए। ..

कोई भी ठेस नं पहुंचाये मेरे विश्वास को।  

माँ तुम भी नहीं हो अधिकारी इसकी। . 

श्रद्धा एकमेवाद्वितीय होती है। .. 

वो तुम हो माँ। .... 

अष्टमं महागौरी। ...https://kittydiaries.com/

माँ महागौरी के चरणों में  साष्टांग प्रणिपात। ... 

लेखांकन --adv अर्चना गोन्नाड़े archana gonnade



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Friday 23 October 2020

माँ मोक्षदायिनी ----सप्तमं - कालरात्रि। ....नवरात्री ---७

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माँ मोक्षदायिनी -----सप्तमं कालरात्रि। ....नवरात्री ---७

माँ मोक्षदायिनी -----सप्तमं  कालरात्रि। ....नवरात्री ---७

या देवी सर्वभूतेषु क्षुधारूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः 

नमोस्तुते माँ जगतजननी। ..प्रणाम। .... ह्रदय से नमन। .. 

माँ  तेरी पूजा अर्चना हम तो युगो से करते आ रहे। ... 

आदिमाया आदिशक्ति हो तुम ......

तेरे ही आशीर्वाद से  शक्ति उर्जित होती। ... 

कुछ साहस ,कुछ धैर्य रखते है जीवन जिने का..... 

आनंद से ,अभिमान से। .....

हाँ माँ। हम तेरे उपासक है। ... हम तेरे है। .. 

खुप खुशियाली छाए जाती ऐसा मन ही मन सोंचनेसे। ... 

ओर जयकारा लगाने में। ... 

है माँ मैं  उपस्थित हु ,तुम्हारे दरबार में। ......

अनजानी तृप्ति होती है तुम्हारे भजन पुजन से। ...

नौ दिनोंके उत्सव में जैसे तृप्त हो गया मन। ... 

तृप्ति कब होती माँ ? कब होती ? 

जब क्षुधा शांत होती ,तब तृप्ति होती।।।। 

क्षुधा भक्ति की होती। .. 

भक्त अपनी भक्ति से नाता  जोड़ता भगवन से। ...

तुम्हे भी क्षुधा है नं माँ  भक्तोंकी।।।। 

तुम भी  तो प्यासे हो भक्त के भक्ति की। ... 

भक्त  भी प्यासा ,भगवन भी प्यासे। ... 

भक्तों का फिर मिलाप होना है भगवन से। ..

क्षुधा तृप्ति है दोनोंकी ,भक्त ओर भगवन की। ...

क्षुधा सिर्फ अन्न की नहीं होती।।।।। 

क्षुधा होती है अरमान ,मंशा ,सपनोंकी 

सपनोंको साकार करनेकी ,पूर्ण करनेकी। .

क्षुधा होती है मुराद, क्षुधा है मनोरथ। ...

क्षुधा है मति ,क्षुधा है सन्मति। . 

किसी सकारात्मक दिशा में क्षुधा को मोड़ना। ... 

मन पर निर्भर होता है ,आत्मनिर्भर। ...

खुद पर यकीं है ,खुद पर भरोसा है। .. 

ज्ञान पिपासा है। .. भक्ति है,,मन है....

क्षुधा सारी उलझने सहजता से पार करेंगा। .. 

ओर क्षुधा के परिणाम आपके जीवन में.... 

सुनहरे क्षण पिरोयेंगा। ..तुम्हारा मार्ग प्रशस्त करेंगा। ..

ज्ञान पाना है ,विद्या ग्रहण करनी होगी। ..... 

विद्याग्रहण की  इच्छाशक्ति चाहिए। .. 

विद्याग्रहण करने की क्षुधा जब जाग जायेंगी। ... 

फिर कठोर परिश्रमज्ञान  से ही सरस्वती प्रसन्न  होगी 

ज्ञान की धारा बहेंगी ज्ञानमार्ग प्राप्त होगा। ..

भक्ति की रसधारा जागेगी भक्ति का मार्ग खुला होगा 

कर्मण्य की साधना से कर्ममार्ग के राह  ओर बढ़ेगा। ...

जीवनमार्ग समृध रहेगा, सरल रहेगा ,सहज रहेगा। .. 

ज्ञान की ,भक्ति की ,कर्म की क्षुधा अविरत ज्वलंत। ... 

संन्मार्ग के मार्ग पर कदम बढ़ते रहना चाहिए माँ। ...

ज़माने बदल रहे। ... 

नं कभी देखा ,नं कभी सुना , 

ऐसे नज़ारे नजर आ रहे। .... 

काम ,क्रोध ,लोभ ,मोह ,मद ,मत्सर। .... 

मनुष्य के विकार सर ऊँचा कर रहे। ....

आवश्यकता से ऊपर धनसंचय हो रहा। ...

धन का प्रलोभन किसे नहीं। .? 

उसके लिए कितना तांडव जीवन में। .... 

भाई भाई का मत्सर कर रहा। ... 

क्रोध  की तो परिसीमा नहीं।

मोह मद आँख मुंदे चुप है। ....

काम का असर तो सारे जगत में है 

कामपिपासा से अत्याचार बढ़ रहे। ....https://kittydiaries.com/ 

लाचार  नन्ही मुन्नी  बालिकाएं हवस की शिकार हो रही। ..

सभी विकार है। ...लेकिन उसे मर्यादा है। .. 

परिघि में रहेंगे तो आनंद है ,मर्यादा संभलकर चलना है। .. 

मर्यादा के बहार गये ,,परिधि लांध ली। .. 

शैतान  बाहर खड़ा है , मनुष्य का शैतान होता। ... 

हे माँ ऐसा क्यों ,वैसा क्या ,प्रश्नचिन्ह  है मन में माँ 

अन्न की क्षुधा हो  ... किसीकी रोटी नं छीन जाये। . 

धनदौलत की क्षुधा हो। ...किसीका हक़ नं छीन जाये।

ज्ञान की क्षुधा हो। ....... विनम्रता से उसकी आपुर्ति हो। ... 

काम की क्षुधा देह से। ...कामक्रीड़ा रतिक्रीड़ा। ... 

सिर्फ समाज की चौखट में बंद।https://kittydiaries.com/ .... 

हवस का शिकार न बनिए ,नं बनाये। ....

क्षुधा शांत होती देह की।शरीर की  ... आत्मा की नहीं। ...

पेट  भर जाता , मन तो कभी नहीं भरता। ... 

फिर क्षुधा होती है , भोजन की। .. ये तो अविरत क्रिया  है। ... 

लेकिन आत्मा की क्षुधा , ज्ञान है , भक्ति है , अच्छे कर्म है... 

तब मोक्षप्राप्ति के द्वार किलकिले होते। ... 

आत्मा को मोक्षप्राप्ति होती। .... 

क्षुधा संपुर्ण होती ,शांत होती। ... 

माँ चरणोंमे लींन। ... ईश चरणोंमे लींन। ... 

आशीष रखना हे  माँ  .... भूलचुक माफी मांगती हु माँ। .. 

सप्तमं कालरात्री। ....https://kittydiaries.com/ 

माँ कालरात्री को  साष्टांग दंडवत। ... त्रिवार दण्डवत। .. 

लेखांकन --- adv अर्चना गोन्नाड़े archana gonnade 

https://diaryofkitty007.blogspot.com/2020/10/blog-post_17.html-----नवरात्री १ 

https://diaryofkitty007.blogspot.com/2020/10/blog-post_18.html---नवरात्री-२

https://diaryofkitty007.blogspot.com/2020/10/blog-post_19.html---- NAVRATRI ---3

https://diaryofkitty007.blogspot.com/2020/10/blog-post_20.html----navratri ४ 

https://diaryofkitty007.blogspot.com/2020/10/blog-post_21.html ----navratri---५

https://diaryofkitty007.blogspot.com/2020/10/blog-post_22.html ----naratri ---6----------------





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Thursday 22 October 2020

माँ चैतन्यमयी --- षष्ठम कात्यायनी ----- नवरात्री ---६

08:07 0 Comments

माँ चैतन्यमयी --- षष्ठम कात्यायनी ----- नवरात्री ---६






माँ चैतन्यमयी --- षष्ठम कात्यायनी ----- नवरात्री ---६ 

 या देवी सर्वभूतेषु चेतनेत्यभि-धीयते। 

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः

मैया ,तुम सिहासनरूढ़ि ,तुम्हारे चरणकमलों ने प्रणाम। ... 

पंचारती से आरती मैं करू ,पंचप्राणोमें तुम समायी हो मैया।।।

रंगबिरंगी पुष्पोंसे सिंहासन सजाऊ ,माला जपु ,

मीठा मीठा भोग लगाऊ। ... बस सुकून है मन में। .. 

मन लगा है तुम्हारे पास , तुम्हार साथ। .. 

मन भी क्या है ? अंतर्मन क्या है ? 

मन ही आत्मा है या अंतर्मन आत्मा है ?

मैं कहती कभी मेरा मन नहीं आज किसी काम में। ...

खाने में मन नहीं ,सोने  में मन नहीं। . 

उठाना बैठना ,बोलचाल बंद ,या मंद गतिःसे हो रा। .. 

तौर तरीके बदल जाते काम करनेके ,बेचैनी सी होती। ... 

बस  कुछ नहीं चाहिए  मुझे। ... 

हम कही दुर एकांत  में जाकर बैठे जाते। ..

कही निसर्गसनिध्य में  या फिर मंदिर में। .. 

चरणों में शरणागत होते माँ तेरे।।।। .

कुछ पल बिताये तुम्हारे साथ। . 

कुछ धीरज  आता है , सुकून लौट आता , आनंद होता। .. 

मन फिर अपनी जगह लौट आता ,

मन अपनी दुनिया में ख़ुशी ख़ुशी लौटता है  

क्या यही है आत्मा जो आनंद अपने साथ लिए घूमती है। .. 

बे मन से हम कैसे जियेंगे ,.आत्मा से कैसे जुदाई 

हम तो जिन्दा लाश बनकर रहेंगे।।अचेतन। ...

फिर ओर चेतना क्या है ? 

तेरे आराधना से हम सफल हो जाये आत्मा में डुबकी लगाना। ..

हमसे शायद नं संभाले इतना बोझ आत्मविभोर होनेका। .. 

चेतना आत्म स्फुल्लिंग  है ....शरीर अचेतन नं होने दे। .. 

चेतना  आनंद है ....... चैतन्यमयी है... 

चेतना भाव है। .... भाव का बहाव चैतन्य है। .. 

चेतना रास है। .... आत्मा की आरास सजनी है 

चेतना रस है। .. रसविभोर होना है। ..लगता ऐसा क्या हो मन फिर दौड़ने  

चेतना स्फुल्लिंग है। ... हर प्राणिमात्राओं में। ..

आत्मा चेतित रहना ,मन जीवित रहना ही चेतना है 

तुम हो मैया हर मनुज सहित सब प्राणिमात्राओंमे।।।। 

चैतन्य  के अधिकारी ,चैतन्य जगाये  माँ। ... 

बिन तुम्हारी इच्छा से कोई चिटी  भी  नं हिल सके.

बिन तुम्हारे कौन सवारे ये जिवजगत।।।।। 

आज विज्ञान  की बात होती है। ......

नया नया संशोधन है हो रहा। ... 

अंगप्रत्यारोपण की शस्त्रक्रियाएँ हो रही। .. 

शरीर के बहुतांश अंग आज विज्ञानं द्वारा उपलब्ध है। .. 

रक्तदाता है ,मौसदाता ,आंखे दान की जाती। . 

हाथ ,पैर ओर विविध अंगोंकी उपलब्धता है। .. 

मानव चैन से जी सके। ..मरण की आशंका थोड़ी  कम हो गयी। ... 

अगर  माँ सब अंगोंको जोड़ लिया वैज्ञानिक तरीके से  

तो क्या हम मानव निर्मिति होगी ?

वो तो चेतना रहित होगा,चैतन्य कौन भरेगा माँ 

प्राण को डालेगा , प्राण कौन स्थापित करेगा। ... 

साँस कौन देगा ,साँस कौन कौन देगा। .. 

तुम्हारा कार्य तो तुम ही करोगी नं माँ। ... 

ओर कोई कौन कर सकता माँ तुम्हे कार्य 

समस्त मानवोंमे  भूतजगत में।तुम ही जान बसाओगी नं.. 

बहोत  तरक्की कर ली विज्ञानं ने। ... 

सभी सब्जीभाजी छोटी छोटी आती थी। ...

आजकल मोटी मोटी आती....  

एक फुट का मुला गाजर देखे मैं। ... 

दो चार किलो की एक गोभी, तरबूजा ,खरबुजा। .. 

क्या कैसे  तरक्की खाद डालके ,मिलावट करके। ...

लेकिन माँ विज्ञानं ने कितनी भी ऊंचाई पर हो। ..

माँ के गर्भ से चार छे फुट का बालक अभी पैदा नहीं हुआ। .. 

क्या ये संभव होगा माँ कभी ? .../kittydiaries.com

कहा आत्मज्ञान कहा विज्ञानं। ..  

बालक तो नन्हा मुन्ना ही होगा। जो तुम देती से अंतस्थ प्रेरणा से...

 उज्वल करती हो माथा ,उज्वल करती हो भविष्य मानवजातिका।।। 

शरीर के कण कमाँ ण में तुम बसै ही माँ। .. 

चेतना तो अन्तःप्रेरणा है। .. सदैव जागृत रखो माँ तुम.... 

चेतना जाज्वल्य ज्योति है। ... सदैव प्रकाश रखो माँ तुम.. 

चेतना आत्मग्लानि भी है। .. थोड़ा तुम में समां जाऊ माँ  

प्रवाह है ,धारा है। ... बहती रखो माँ आशीष की गंगा 

या देवी सर्वभूतेषु चेतनेत्यभि-धीयते।/kittydiaries.com  

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः

षष्ठम कात्यायनी। ... 

माँ कात्यायनी को प्रणाम ,साष्टांग दंडवत। ... 

शुभं भवतु। ... 

लेखांकन ---adv अर्चना गोन्नाड़े ,archanagonnade------------------------------------------------------







 




   


   

  

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