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Friday, 9 October 2020

प्रीत नादाँ , धरा आसमां। ..

प्रीत नादाँ , धरा आसमां। .....



प्रीत नादाँ , धरा आसमां। .. 

आज फिर बादल घिर आये। .... बारिश हुई..... 

ताप्ती धरा  महक रही। 

तृप्ति की सौंधी  सुगंध  .... 

आसमान भिनी भिनी खुशबु से भर आया। ..

माटी की सुगंध , खिलते पुष्पलताओंकी सुगंध।

महकती , छु गयी याद कोई  किसीकी। ... 

वही सुगंध धीरे धीरे सासोंमे, रुका सा....  

एक एक सांस ,गहरी सांस खिंच रही एकदुजे को। .  

ह्रदय हलके हलके जैसे प्राणायाम कर रहा। ... 

ह्रदय को ये कला अवगत है। .. सांस लेने की। ..

हलके से ,जोर जोरे से ,एक लय में।

 सासोंमे साँस मिलाती ,संथ गति चल रही होती। ..

 सासोंकी  की प्रक्रिया मालूम भी नं पड़ती। 

.बेमालुम चलती। .....निरंतरhttps://kittydiaries.com/  

बारिश की छोटी नाटी बुँद  बुन्दोंसे। . 

आसमान से जैसे इत्र बरस रहा हो.... 

इत्रदानी ईश्वर ने आज उंडेल  दी आसमान से। 

कुछ सजे  है लताओं वृक्ष ओर बिलगती बेलो पर ,

कुछ पर्ण ,पुष्पोपर,घर के दिवारोंपर,खिडकियोंपर।

दवबिंदु सजे है। .. एकसार मोती की माला। ..

आ गिरे आखिर सब बुँदे धरा की गोद पर। .. 

प्रित हुई ,धरा कितनी सम्मानित हुई। ..

सारे बिंदु दवबिंदु समाये गये धरा में। ..

फिर पुलकित हुई धरती ,अभिसारिणी ,

मनभाविनि ,मनमोहिनी। हरित धरा। .. 

धरा  अणुरेणु महकी , पोर पोर खिलखला 

आसमां की रूह ने धरा से गुजारिश की  

फिर महकती धरा ने भावभिना संदेश भेजा। 

आसमां  का आनंद मन  में समाये नं ।....https://kittydiaries.com/

रिमझिम रिमझिम सांसे चली। लय में ,ह्रदय में 

मन महकती रूह से आसमां। .. नादाँ 

प्रीत नादाँ , धरा आसमां। .. 

दुर क्षितिज पार  कुछ हलचल। ...

भोर का तारा --- हुआ नया जनम

 रचना /लेखांकन। ... adv अर्चना गोन्नाड़े ,,arcahan gonnade

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https://www.pexels.com/photo/water-droplets-on-glass-window-3981680

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