माँ जगतजननी। द्धितीयम ब्रम्हचारिणी। .. नवरात्री --२
या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता -
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमोनमः।
आज द्धितीयम ब्रम्ह्चारिणी --
मत्था टेक रही माँ तेरे चरणोंपर। ...
आराधना मेरी चलती रहे,ऐसेही वर दे माँ।
श्री सरस्वती ,श्री महालक्ष्मी ,श्री महांकाली। ...
जगतजननी की ये रूप मन में बसे है। ...
आधार है संपुर्ण विश्वचक्र का ....
माँ आज तुम्हारी कृपा से स्त्री शक्ति आसमां छु रही। ..
विविध क्षेत्रों मेँ अपना नाम उजाग़र कर रही। ..
कोई क्षेत्र ऐसे नहीं जहाँ स्त्री शक्ति नहीं। ..
बुद्धि का वरदान तो दिया माँ तुमने। ..
मनुज प्राणिमात्र है , बुद्धीजीवी है। ..
सिर पर चमकता ताज है हमारे। ..
ललाटरेखा तुमने तो अंकित की। ..
शिक्षा लेने का...सही मायने में उचित अधिकार दिया
अपना जिवन सुन्दर सहज बनाने का मौका दिया
कितने सारे विकल्प आज उपलब्ध है। ..
कोई ऊँची उड़ान लगाएं। बने वैमानिक
.कोई फौजी होवे। . भारत माँ की रक्षा करे। ..
खेलकुद ओलिम्पिक हम कही पिछे नहीं। . आगे ही है
कलाकार भी तो है , । .. हम किसीसे हारे नहीं माँ। ..
डॉक्टर दीनदुखियाँकि सेवा करे,
जो भी कर्म करे ,कार्य करे, मन की सच्ची लगन से। ...
शिक्षा के अवसर ढूढ़ना है। .. बस कोई अवसर हाथ में आये...
कोशिशे जारी रखना है , कोई पल पकड़ में आये। ..
ले आओ माँ उस अवसर को हमारे लिए...
झप से पकड़ लु मै अपने मुट्ठी में। ...
माँ तुमने वरदान में बुद्धि दी। कितने सँजोग ..
बुद्धि का प्रयोग मनुज के भलाई लिए करू...
बुद्धि का उपयोग समाजकार्य के लिए करू...
आजन्म मै मानवता की सेवा करू। https://kittydiaries.com/...
मेरा सुबुद्धि से नाता है , बुद्धिहिनता से नहीं
वरदान बुद्धि का है , कोई दुर्बुद्धि नं दे माँ ,
हम माँ सरस्वती की उपासक ,कोई विवशता नं दो माँ...
कोई लांछन लगे। . .. ऐसी बुद्धि नं होने दो। ..
कोई दुराचार करे ,व्यवहार करे ऐसी दुर्मति नं दो। .
ज्ञान का प्रकाश से सारा जगत उजियारा कर दु। ....
अंधःकार से प्रकाश पर्व की ओर चलु। ..
तमसो मा ज्योतिर्गमय। .....
यही छोटीसी मनोकामना ,,आशिष रखो माँ
या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमोनमः
द्धितीयम ब्रम्ह्चारिणी। .. माँ चरणोंपर साष्टांग दंडवत
लेखांकन ----ADV अर्चना गोन्नाड़े ARCHANA GONNADEhttps://kittydiaries.com/
https://kittydiaries.com/
No comments:
Post a Comment