माँ सिद्धिदात्री। ..नवमं सिद्धिदात्रीच -----नवरात्री ९ एवं दशहरा
माँ सिद्धिदात्री। ..नवमं सिद्धिदात्रीच -----नवरात्री ९ एवं दशहरा
प्रथमं शैलपुत्री च द्वितीयं ब्रह्मचारिणी।
तृतीयं चन्द्रघंटेति कूष्माण्डेति चतुर्थकम् ।।
पंचमं स्क्न्दमातेति षष्ठं कात्यायनीति च ।
सप्तमं कालरात्रीति महागौरीति चाष्टमम् ।।
नवमं सिद्धिदात्री च नवदुर्गाः प्रकीर्तिताः ।।
जय मैया। .... नमोनमः। माथा टेकु माँ। ..
प्रथम दिन घटस्थापना से शुरू हुआ
नवरात्री का आज समापन। ...
आज सिद्धिदात्री माँ पुजन। ...
विविध नऊ रुपोंमे माँ साक्षात् आपका दर्शन। .
कितना सुन्दर ओर प्रसन्न। .....
मनःचक्षु में आपका रूप बसा हुआ। ..
आज माँ सिद्धिदात्री का पुजन।।।।
पुजा ,पठन, नित्य उपासना मन को स्थिरत्व देती। ...
अष्ट सिद्धि का वरदान प्राप्त होगा माँ आज..
पहले तो मन आत्मा सिद्ध करना होगा। ..
सिद्धि प्राप्त करनेके लिए। ...
मन स्वच्छ ,सुन्दर पवित्र होगा तो
सिद्धिदात्री माँ अपनेआप हमारे द्वार आएँगी .
जो हर मनोकामना पुरी करेंगी।।।
आज हमें क्या सिद्धि चाहिए माँ। ...
जिनेका सहारा चाहिए। निःसंशय मनसे
चंचल मन की अवस्था माँ तो जानती है। ...
मन है करना सिद्ध ---- बुराइयों के विरुद्धः
मन है करना सिद्ध ----बुरी आदतों के विरुद्ध
मन करना सिद्ध है ----बुरी समाजधरणा के विरुद्ध
मन है सिद्ध करना----बुरे समाज धुरीणो के विरुद्
मन सिद्ध करना है ---आतंकवाद के विरुद्धा
मन सिद्ध करना होगा ----दहशतवाद के विरुद्ध
मन सिद्ध करना होगा ----जीवन के उलझनों के विरुद्ध
मन पर विजय पाना। . सहजसाध्य नहीं। ...
उपासना,आराधना का मार्ग ही अपना सकते।।।
सिद्धि पाने के लिए पहले तो मन शुद्ध करना है। ..
मन की अगणित क्रियाएँ उपासना में बाधाएँ डालती।।। ..
कभी किसीसे क्रोध होता ,इर्ष्या होती ,द्धेष होता। ...
हम तो मानव है। निराशा ,संशय ,आलस्य होना है...
हम सर्वसाधरण मनुष्य है। ..लोभा में मोह में अटके जाते। ..
रावण भी तो दशग्रंथि ब्राम्हण थे। ...क्यों मोह हुआ सीता का।? ..
सीतामैया को मालुंम था ,कस्तुरीमृग का अस्तित्व नहीं है
फिर क्यों सीतामैया भागे वो मृग के पीछे। ..
लक्ष्मण रेखा अंकित कर गए। ... मैया ने रेखा लाँघ ली। ..
प्रभुराम भी कुछ नं कर पाएं। ..
सब कालचक्र है ,समय चलते रहता।
परिस्थिती ऐसे आन खड़ी होती। ....
मैया तुम्हारे आगे सबको शीश झुकाना है। .....
रावण को जलाना आसान है। ...
रावणी प्रवुत्तियोंको जलाना कठिण है। ...
हमे अपनी बुराई त्यागना है, दुष्ट प्रवृत्ति त्यागना है। ...
सत्कर्मो का पलड़ा भारी हो जाएगा। ...
बुराई ,हीनं प्रवृत्ति का विनाश होगा। ..
चारो तरफ उजाला होगा।,रोशनी होगी। ..
तमसो माँ ज्योतिर्गमय।।।।
अंधःकार से प्रकाश की ओर प्रस्थान। ..
दीपज्योति नमोःस्तुते। ..
यही सिद्धि दो माँ सिद्धिदात्रीआज वरदान में । ....
सिद्धिदात्री माँ साष्टांग प्रणिपात। ..
लेखांकन ---- adv अर्चना गोन्नाड़े archana gonnade
ek kavita ... apake liye from my blog
कुछ अच्छा सा हो रहा है। ...
न जाने कितने अर्सो बाद मैंने कलम थामी है। ..
कुछ अच्छा सा हो रहा है ,कुछ अच्छा हो रहा है।----१ ---
मै लिखती गयी ,श्याही से शब्द उतरने लगे है
कुछा अच्छा सा हो रहा है ,कुछ संभ्रम हो रहा है।----२ ---
शब्दों में भाव बहने लगे है ,मन भावविभोर सा है.
कुछ अच्छा हो रहा है ,कुछ अच्छा सा घट रहा है।---३---
शब्द रंग में लिपटे है ,रंगरूप अभी पलट रहा है।
कुछ अच्छा सा हो रहा है ,कुछ अच्छा सा लग रहा है --४----
भाव नर्तन कर रहे है मीरा सा प्रकट हो रहा है।
कुछ अच्छा सा हो रहा है ,कुछ अच्छा सोच रहा है। --५ ---
शब्दों का कोई बेपार न है ,माँ सरस्वती की देंन है--
कुछ अच्छा हो रहा है ,कुछ अच्छा सा पर देना है।---६----
दिल थामे मुझे लिखना है ,कलम चलती रहना है-
कुछ अच्छा हो रहा है ,कुछ अच्छा सा बंध रहा है।----७ ---
कुछ किरपा हो रही है, द्वार किलकिले हो रहे है
कुछ तो अच्छा हो रहा है, कुछ रोशनी आ रही है ,----८ ----
रसधारा हे खुदा की है , कई अर्सो बाद बरस रही है
कुछ अच्छा ही हो रहा है ,कुछ अच्छा सा हो रहा है ----९----
सिर पर आशीष रखे खुदा है ,झोली खाली न रहना है
कुछ अच्छा ही हो रहा है ,कुछ अच्छा सा हो रहा है ---१० ----
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